अब 24 हफ्ते में भी हो सकेगा गर्भपात! अविवाहित महिलाएं भी करा सकेंगी, जानें- नया कानून || Abortions to be allowed at 24 weeks, New law Pass
अब 24 हफ्ते में भी हो सकेगा गर्भपात! अविवाहित महिलाएं भी करा सकेंगी, जानें- नया कानून || Abortions to be allowed at 24 weeks, New law Pass
वर्तमान गर्भपात कानू लगभग पांच दशक पुराना है। इसमें गर्भधारण के अधिकतम 20 सप्ताह तक के लिए ही गर्भपात की इजाजत दी गई है।
New Abortions Law 2020 नया गर्भपात कानून
देश में गर्भपात कानून को आसान बनाने पर विचार किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्रिमंडल मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी (एमटीपी) अधिनियम, 1971 में गर्भपात की ऊपरी सीमा को 20 सप्ताह से बढ़ाकर 24 सप्ताह करने पर विचार कर रही है। वर्तमान नियम के तहत प्रावधान है कि यदि विवाहित महिला या उसका पति की इजाजत पर ही गर्भपात होगा लेकिन नए प्रस्ताव में महिला के शादीशुदा होने की बाध्यता हटा दी गई है। अब अविवाहित महिला भी गर्भपात करवा सकती हैं। सूत्रों का कहना है कि एमटीपी विधेयक का मसौदा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा तैयार किया गया है और मंत्रिमंडल को इसकी मंजूरी पर निर्णय लेना है।
वर्तमान गर्भपात कानू लगभग पांच दशक पुराना है। इसमें गर्भधारण के अधिकतम 20 सप्ताह तक के लिए ही गर्भपात की इजाजत दी गई है। एमटीपी अधिनियम, 1971 की धारा 3 (2) में कहा गया है, “एक रजिस्टर्ड डॉक्टर द्वारा गर्भपात करवाया जा सकता है। इसमें गर्भधारण का समय 12 हफ्तों से ज्यादा नहीं होना चाहिए। यदि गर्भधारण का समय 12 हफ्तों से अधिक हो जाता है तो दो रजिस्टर्ड चिकित्सकों की राय जरूरी है। यदि डॉक्टर यह कहते हैं कि प्रेगनेंसी की वजह से महिला को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रभाव पड़ सकता है या फिर इस बात की पर्याप्त आशंका हो कि बच्चा शारीरिक और मानसिक रुप से पीडित पैदा होगा, इस अवस्था में ही गर्भपात की इजाजत दी जाती है।” हाल के कुछ वर्षों में गर्भपात की ऊपरी सीमा को 20 सप्ताह से ज्यादा करने की मांग तेज हो गई थी।
सूत्रों ने कहा कि ड्राफ्ट बिल के तहत में गर्भधारण के 20 सप्ताह तक गर्भपात के लिए एक रजिस्टर्ड डॉक्टर की राय की आवश्यकता है। इसी तरह, यह 20 से 24 सप्ताह के लिए दो डॉक्टरों की आवश्यकता होगी। बिल में बलात्कार पीड़िता और अन्य असहाय महिलाओं के लिए भी गर्भपात की ऊपरी सीमा 20 से बढ़ाकर 24 करने की मांग की गई है। सूत्रों ने बताया कि इसमें नाबालिग लड़कियों को भी शामिल किया गया है।
सूत्रों ने कहा कि कानून में बदलाव केंद्र और राज्य सरकारों, गैर सरकारी संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों, पेशेवर निकायों और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, इंडियन नर्सिंग काउंसिल और कानूनी पेशेवरों जैसे संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले विशेषज्ञों के साथ एक व्यापक परामर्श प्रक्रिया के बाद प्रस्तावित किए गए हैं।
The Cabinet approved the Medical Termination of Pregnancy (Amendment) Bill, 2020 to amend the Medical Termination of Pregnancy Act, 1971.
- The Union Cabinet on Wednesday raised the upper limit for allowing abortion from the present 20 weeks to 24 weeks and will be introducing a bill in Parliament for the same.
- The Cabinet approved the Medical Termination of Pregnancy (Amendment) Bill, 2020 to amend the Medical Termination of Pregnancy Act, 1971.
- Union Minister Prakash Javadekar, addressing the media after the Cabinet meeting, said the upper limit for permitting abortions has been extended to ensure safe termination of pregnancies and also give women reproductive rights over their bodies.
The extension to 24 weeks will also help victims of rape, girls with disabilities as well as minors, who may not realise they are pregnant until later, he said. “In a progressive reform and giving reproductive rights to women the limit of 20 weeks of medical termination of pregnancy has been increased to 24 weeks. This is important because in the first 5 months there are cases where the girl concerned doesn’t realise and has to go to court. This was discussed with various stakeholders.
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